पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
Devotees who chant these verses with intensive really like come to be prosperous via the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have small children, have their wants fulfilled immediately after partaking of Shiva-prasad with religion and devotion.
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
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कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पाठ पूरा shiv chalisa in hindi हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी